राधे योर मोस्ट वांटेड भाई फिल्म रिव्यू | Radhe Your Most Wanted Bhai movie review starring Salman Khan, Disha Patani and Randeep Hooda

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कहानी

कहानी

दिल्ली से मुंबई आए खतरनाक ड्रग माफिया राणा और उसके दो आदमी पूरे शहर को नशे की आर में तबाह करना चाहते हैं। वो सनकी और बेहद हिंसक हैं। जिसका कोई रूल नहीं है। वह मुंबई के हर क्लब, बार, होटल, कॉलेज को अपना निशाना बनाते हैं। ऐसे में उनसे निपटने आता है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट राधे। जिसने बीते 10 साल में 97 एनकाउंटर किये हैं और जिसका 23 दफा ट्रांसफर हो चुका है। माफियाओं से निपटने के बीच एक दिन राह चलते राधे की मुलाकात होती है दीया (दिशा पटानी) से, जो उसी के सीनियर अफसर (जैकी श्रॉफ) की बहन है। एक तरफ दीया और राधे का रोमांस चलता है, दूसरी तरफ राधे खतरनाक माफियाओं से एक- एक कर भिड़ता है।

निर्देशन

निर्देशन

प्रभुदेवा के निर्देशन में बनी यह फिल्म कोई शक नहीं कि पूरी तरह से सलमान खान और रणदीप हुडा के कंधों पर टिकी हुई है। सलमान का स्टार पॉवर, स्टाइल, स्वैग यहां भर भर कर डाला गया है। शायद जिन दृश्यों में जरूरत नहीं थी, वहां भी। कुछ एक्शन सीक्वेंस दिल जीतते हैं, लेकिन जबरदस्ती के डाले गए कॉमेडी सीन्स सिरदर्द करते हैं। इस फिल्म में एक्शन, ड्रामा, डायलॉगबाजी भरपूर है, लेकिन जो पक्ष इसे कमजोर बनाती है, वह है पटकथा और अभिनय।

अभिनय

अभिनय

सच कहा जाए तो अभिनय के मामले में फिल्म के विलेन किरदारों ने बाजी मार ली है। रणदीप हुडा और गौतम गुलाटी ने हाव भाव में सनकपन बेहतरीन दिखा है। राधे और राणा की पहली मुलाकात एक्शन के लिहाज से काफी दिलचस्प है। सलमान खान के स्वैग और पॉवर के पीछे उनके अभिनय की कमियां छिप जाती हैं। लेकिन दिशा के साथ उनकी जोड़ी स्क्रीन पर काफी अटपटी दिखी है। दिशा पटानी को फिल्म में कुछ गानों और ग्लैमर बढ़ाने के अलावा खास नहीं दिया गया। वहीं, जैकी श्रॉफ भी सिर्फ कॉमेडी डायलॉग्स के सहारा बनते दिखे। देखा जाए तो दिशा और जैकी श्रॉफ के किरदार की वजह से फिल्म का विषय भी कमजोर पड़ गया। ड्रग्स एक गंभीर समस्या है, जिसे दिखाने के लिए शायद एक अच्छी पटकथा और निर्देशन की जरूरत थी।

तकनीकि पक्ष

तकनीकि पक्ष

संचित और अंकित बलहरा द्वारा दिया गया बैकग्राउंड स्कोर थोड़ा लाउड है, लेकिन जहां जरूरत है वहां प्रभाव छोड़ता है। फिल्म के एक्शन सीन्स की कोरियोग्राफी साउथ कोरियन स्टंट डायरेक्टर Myeong-haeng Heo ने किये हैं, जो कि अच्छी है। लेकिन तारीफ पाने लायक काम किया है एडिटर रितेश सोनी ने, जिन्होंने लगभग पौने दो घंटों में फिल्म को समेट दिया है। अयनंका बोस की सिनेमेटोग्राफी खास प्रभाव नहीं छोड़ती। वहीं, फिल्म का जो सबसे कमजोर पक्ष है, वह है स्क्रीनप्ले, जिसे लिखा है विजय मौर्या और एसी मुगल ने। एक दमदार विषय होने के बावजूद फिल्म कई दफा ट्रैक से उतरती है। विजय मौर्या द्वारा लिखे गए संवाद सलमान के स्वैग को ध्यान में रखकर ही लिखे गए हैं, लेकिन फिर भी प्रभाव नहीं छोड़ते। कुल मिलाकर तकनीकि स्तर पर फिल्म बेहद औसत है।

संगीत

संगीत

फिल्म का संगीत दिया है साजिद-वाजिद, हिमेश रेशमिया और देवी श्री प्रसाद ने, जो कि औसत है। साजिद खान द्वारा लिखा गया टाइटल ट्रैक अच्छा माहौल बनाता है, लेकिन बाकी गाने सिर्फ कहानी की लंबाई बढ़ाने और सलमान- दिशा की कैमिस्ट्री दिखाने के लिए डाले गए हैं।

क्या अच्छा, क्या बुरा

क्या अच्छा, क्या बुरा

कोरोना महामारी की गंभीरता के बीच ध्यान हटाकर सलमान खान, जैकी श्रॉफ, रणदीप हुडा जैसे कलाकारों को स्क्रीन पर देखना अच्छा लगा। इन सभी कलाकारों की अपनी एक स्टाइल और स्वैग है, जो फिल्म में दिखी। लेकिन फिल्म का प्लॉट इतना कमजोर है कि कोई कलाकार इसे नहीं उठा सकता। फिल्म हर पक्ष में प्रभावहीन है।

देखें या ना देखें

देखें या ना देखें

यदि आप सलमान खान के फैन हैं और उनकी रेस 3, दबंग 3 जैसी फिल्मों को भी पसंद किया है, तो राधे जरूर देखी जा सकती है। फिल्म में सलमान खान का स्वैग और एक्शन देखने लायक है। फिल्मीबीट की ओर से ‘राधे’ को 2 स्टार।