
होली आने वाली है. 2018 में होली 2 मार्च को मनाई जाएगी. हिंदी कैलेंडर के आखिरी महीने यानी फागुन के आखिर दिन पड़ने वाले इस त्योहार पर काफी कुछ लिखा गया है. अगर आप होली पर कुछ अच्छे, छेड़-छाड़ भरे, कुछ रोमांटिक एसएमसएस, व्हॉट्सऐप या फेसबुक पर भेज सकते हैं.
मौसम-ए-होली है दिन आए हैं रंग और राग के
हम से तुम कुछ मांगने आओ बहाने फाग के
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
फोटो रॉयटर से
जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की
और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की
परियों के रंग दमकते हों तब देख बहारें होली की
ख़ुम, शीशे, जाम, झलकते हों तब देख बहारें होली की
महबूब नशे में छकते हों तब देख बहारें होली की
नजीर अकबराबादी
कहीं पड़े न मोहब्बत की मार होली में
अदा से प्रेम करो दिल से प्यार होली में
गले में डाल दो बांहों का हार होली में
उतारो एक बरस का ख़ुमार होली में
नजीर बनारसी
देते हैं सबक़ प्यार के गीता हो कि क़ुरआन
त्यौहार तो त्यौहार है हिन्दू न मुसलमान
हम रंग उछालें तो पकाएं वो सिवय्यां
रंजीदा पड़ोसी जो उठा दार-ए-जहां से
ख़ुशियों का गुज़र होगा न फिर तेरे मकां से
सागर ख्य्यामी
गुलाबी गाल पर कुछ रंग मुझ को भी जमाने दो
मनाने दो मुझे भी जान-ए-मन त्यौहार होली में
भारतेंदु हरिश्चंद्र
दहकी दहकी दोपहर बहकी-बहकी रात
फागुन आया गांव में लेकर ये सौगात
शिवओम अंबर
कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाल
जो था जिसके पास में उसने दिया उछाल
माणिक वर्मा
होली आई गांव में गई गांव की नींद
आंखों में सौदे हुए होंठों कटी रसीद
कैलाश गौतम