LIC IPO: कम समय और कम निवेश में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ (Initial Public Offering) एक बेहतरीन ऑप्शन है. लो रिस्क और हाई गेन के लिए ज्यादातर निवेशों की निगाह आईपीओ (IPO) पर टिकी रहती है.
और अब स्टॉक मार्केट (Stock Market) इंडस्ट्री का ध्यान देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाली सार्वजनिक कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी (Life Insurance Corporation of India) के आईपीओ पर लगी हुई हैं. एलआईसी का आईपीओ अगले साल की पहली तिमाही तक आएगा. जानकारी के मुताबिक, सरकार ने एलआईसी आईपीओ के जरिए 90 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) से पहले कुछ जानकारी एलआईसी के बारे में जुटा लें. एक लाख से ज्यादा कर्मचारी, 12 लाख से ज्यादा एजेंट (LIC Agent), करीब 30 करोड़ पॉलिसी होल्डर और देशभर में 2000 से ज्यादा ऑफिसों वाले भारतीय जीवन बीमा निगम का इंश्योरेंस मार्केट पर (लाइफ इंश्योरेंस) दो-तिहाई से भी ज्यादा कंट्रोल है.
सरकार एलआईसी की कुछ हिस्सेदारी को बेच रही है, जिसके लिए आईपीओ लाने की तैयारी चल रही है. एलआईसी के बिजनेस को देखते हुए मार्केट एक्सपर्ट कहते हैं कि यह इंश्योरेंस इंडस्ट्री का सबसे बड़ा आईपीओ होगा और दुनिया का दूसरा बड़ा आईपीओ.
सरकार क्यों बेच रही है हिस्सेदारी (LIC Disinvestment)
दरअसल सरकार ने अपनी विभिन्न सम्पत्तियों में 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट तय किया हुआ है. एलआईसी का आईपीओ भी उसी विनिवेश का ही एक हिस्सा है. और एलआईसी में विनिवेश के बिना इस टारगेट को पूरा नहीं किया जा सकता है.
पॉलिसी होल्डर्स को फायदा (LIC Policy Holders)
जब यह भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा और पूरे देश के निवेशकों की निगाहें इस पर लगी हैं तो निश्चित ही यह आईपीओ किसी कुबेर के खाज़ाने से कम कतई साबित नहीं होगा. खासकर उन निवेशकों को इससे ज्यादा फायदा होगा जिनके पास LIC में कोई पॉलिसी है.
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क्योंकि सरकार यह पहले ही ऐलान कर चुकी है कि LIC IPO जब भी खुलेगा तो इसके 10 प्रतिशत शेयर पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व रखे जाएंगे. इसके लिए सरकार को LIC के पॉलिसीधारकों को एलआईसी के कर्मचारियों के समान रखने के लिए कानून (एलआईसी एक्ट 1956) में संशोधन भी करना पड़ा है. सरकार के इस कदम के बाद एलआईसी पॉलिसी होल्डर भी 10 परसेंट छूट पर कुल शेयर का 10 परसेंट हिस्सा हासिल कर सकते हैं.
कब आएगा एलआईसी आईपीओ (LIC IPO Launch Date)
केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के मुताबिक, एलआईसी का आईपीओ (IPO) इसी वित्त वर्ष (Financial Year) में आ जाएगा. यानी अगले साल की पहली तिमाही में. एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई है.
10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति
एलआईसी के आईपीओ के प्रबंधन के लिए सरकार ने 10 मर्चेंट बैंकरों (Merchant Bankers) की नियुक्ति भी कर दी है. जिन बैंकर्स को एलआईसी के आईपीओ के प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली है उनमें गोल्डमैन सैश (इंडिया) सिक्योरिटीज, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड शामिल हैं.
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निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंध विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि सरकर ने आईपीओ के लिए बुक रनिंग लीड प्रबंधकों और अन्य सलाहकारों का चयन कर लिया है.
कितना हो सकता है प्राइस बैंड (LIC IPO Price Band)
LIC IPO में शेयरों को किस कीमत पर बाजार में उतारा जाएगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है. लेकिन, प्राइस बैंड को लेकर अटकलों का बाजार काफी दिनों से गर्म है. मार्केट एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि एलआईसी की आईपीओ का प्राइस बैंड 400 से 600 रुपये प्रति शेयर हो सकता है.
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