नई दिल्ली. देश में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारे भी इलेक्ट्रिक बाइक, स्कूटर, कार और तीन पहियों वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंसेंटिव देने का फैसला किया है, हीरो बाइसिकल के एमडी पंकज एम् मुंजाल का कहना है कि इलेक्ट्रिक बाइसिकल उद्योग के लिए सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग या एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसीस से बाहर रखा गया है, जो कि इस उद्योग के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है. तो आइये हम जानते है आगे उन्होंने सरकार के इस दोहरी पालिसी पर क्या बोला.
Bicycle उद्योग के साथ भेदभाव का बड़ा नुकसान
देश की सबसे बड़ी बाइसिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक हीरो बाइसिकल के एमडी पंकज मुंजाल ने आगे कहा कि “केंद्र सरकार की दो सबसे बड़ी इनिशिएटिव FAME – II और हाल ही में घोषित प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव ( PLI ) से इलेक्ट्रिक बाइसिकल उद्योग को इन दोनों योजनाओ से मिलने वाले लाभ से दूर रखा है, जिसके चलते देश अगले 5 सालो में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के इलेक्ट्रिक बाइसिकल एक्सपोर्ट आर्डर को यूरोपण यूनियन के हाथो गँवा सकता है”.
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इम्पोर्ट ड्यूटी हो कम
आगे उन्होंने कहा कि भारत को बाइसिकल उद्योग पर लगने वाले इम्पोर्ट ड्यूटी को विकसित देशो या फिर जेनेरलाइज्ड परेफरेंस ऑफ़ कन्ट्रीज की तरह इम्पोर्ट ड्यूटी को शून्य करना चाहिए जो कि अभी 14 प्रतिशत है. उन्होंने भारत में निर्मित कंपनी की जून में इलेक्ट्रिक बाइसिकल के पहले बैच के यूरोप एक्सपोर्ट वाले नतीजों को हाईलाइट करते हुए कहा कि “ई-बाइसिकल बिज़नेस को हथियाने के लिए कई देशो से कड़ी प्रतिस्प्रधा का सामना करना पड़ रहा है, आगे कहते उन्होंने बोला कि हालाँकि गलत पालिसी के चलते हम(बाइसिकल उद्योग) यूरोपियन यूनियन के बाइसिकल सप्लाई को चीन और फार ईस्ट के हाथो हार रहे है”.
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1000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट
हीरो साइकिल ने 3 साल पहले मेक इन इंडिया अभियान के तहत इलेक्ट्रिक बाइसिकल बनाना शुरू किया था, कंपनी ने इसके लिए 300 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनाने के लिए किया था, इसके अलावा कंपनी और 400 रुपये इसके वेंडर बेस के जरिये और 300 करोड़ रुपये यूनिटेड किंगडम में एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए किया था ताकि कंपनी इंटरनेशनल मार्केट में ई-बाइसिकल मार्केट शेयर पर मजबूती से पकड़ बनाए.
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