<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्लीः</strong> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश में स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ बाचतीच करेंगे और योजना की जमीनी स्थिति की जानकारी लेंगे. इस अवसर पर पीएमो मोदी स्वामित्व योजनात के तहत 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शिरकत करेंगें. स्वामित्व योजना केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही है. इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण आवासीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करता है.</p>
<p style="text-align: justify;">स्वामित्व योजना को लेकर पीएमओ की ओर से भी जानकारी दी गई है. पीएमओ ने बताया है कि यह योजना शहरी क्षेत्रों की तरह, ग्रामीणों की ओर से ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए वित्तीय संसाधन के रूप में संपत्ति का उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करेगी. पीएमओ के मुताबिक इसका उद्देश्य नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन-प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्रों का सीमांकन करना है.</p>
<p style="text-align: justify;">मध्य प्रदेश के हरदा जिले में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी डिजिटल तरीके से शामिल होंगे और दोपहर 12:30 बजे संबोधित करेंगे. इस मौके पर इस योजना के तहत 19 जिलों के 3000 गांवों में 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित करेंगे. इस कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान भी अपनी बात रखेंगे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जानें क्या है यह स्कीम</strong></p>
<p style="text-align: justify;">देश के सभी गांवों में ड्रोन की सहायता से हर संपत्ति की मैपिंग होगी. इसके बाद वहां के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना हक के कागज दिए जाएंगे. इस योजना की शुरुआत के बाद शहरों की तरह गांव के लोग भी अपनी संपत्ति पर बैंकों से लोन ले सकेंगे. मतलब साफ है कि इस योजना के तहत गांवों में लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिया जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">स्वामित्व योजना को लेकर केंद्र सरकार का दावा है कि यह योजना ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा. अगर किसी संपत्ति पर दो पक्षों के बीच विवाद होता है तो रिकॉर्ड डिजिटली होने के कारण इसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा. इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को बजट के दौरान की थी.</p>